लोगों की राय

बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2693
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

Unit - I

अध्याय - 1
अनुशांसित आहार भत्ता
(Recommended-dietary Allowances)

प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. दैनिक आहारीय मात्राओं का क्या अर्थ है? 2. आर.डी.ए. का क्या महत्व है? 3. आर.डी.ए. के क्या कार्य हैं?

उत्तर -

दैनिक आहारीय मात्राओं का अर्थ एवं महत्व

हमारा भोजन ऐसा होना चाहिए कि शरीर की चयापचयी आवश्यकता को पूरा कर सके, क्योंकि विभिन्न खाद्य पदार्थों में प्रोटीन तथा वसाओं का अनुपात भिन्न-भिन्न होता है। भोजन सम्बन्धी सामग्री में ऐसा तालमेल होना चाहिए कि शरीर के सभी भागों की आवश्यकता की पूर्ति कर सके। एक साधारण 160 सेमी. लम्बे व्यक्ति की सामान्य दिनचर्या के लिये लगभग 3000 कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। उपापचय में 1 ग्राम प्रोटीन से चार तथा 1 ग्राम वसा से लगभग 9 दीर्घ कैलोरी ऊर्जा प्राप्त की जाती है। सामान्यतयः आवश्यक ऊर्जा को एक औसत भारतीय 15% प्रोटीन से 35% वसाओं से प्राप्त करता है। इस प्रकार हमें दिनभर में लगभग 6 से 75 ग्राम प्रोटीन, 60 से 70 ग्राम वसाओं और 400-500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है। कठिन परिश्रम करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन में लगभग 600 दीर्घ कैलोरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

कैलोरी अनुमान लगाते समय शारीरिक कार्य, शरीर की आकृति व रचना, आयु व लिंग, शारीरिक प्रक्रियाओं की स्थित, जलवायु एवं पर्यावरण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जैसे भारत और गरम देशों के लोगों के लिये उसी आयु वर्ग के सम शीतोष्ण कटिबन्धीय देशों के लोगों की तुलना में कम कैलोरी की आवश्यकता होती है।

इसी प्रकार अधिक शारीरिक परिश्रम करने वाले को दोपहर के भोजन में प्रस्तावित मात्राओं में कार्बोज व वसायुक्त पदार्थों की अधिकता होनी चाहिए। जैसे- टमाटर, गाजर, हरी सब्जी, प्याज इत्यादि।

इसके विपरीत मानसिक श्रम करने वाले व्यक्ति का दोपहर का भोजन प्रोटीन, विटामिन तथा खनिज लवण युक्त होना चाहिए।

इसी प्रकार सुबह का नाश्ता हल्का नहीं होना चाहिए क्योंकि सुबह के नाश्ते और रात्रि के भोजन का अन्तर 10 से 12 घण्टे का होता है। आमाशय इस समय बिल्कुल खाली और चिपका हुआ होता है, अतः नाश्ते की प्रस्तावित मात्रा अधिक ऊर्जायुक्त होनी चाहिए तथा दिन की आवश्यक कैलोरी का 1/4 सुबह के नाश्ते में होना चाहिए।

बच्चों के स्कूल जाने वाले टिफिन का खाना ऐसा होना चाहिए कि दिनभर उन्हें सक्रिय रख सके।

शाम के नाश्ते में बहुत ही भारी चीजें नहीं होनी चाहिए। चाय, काफी के साथ ही आसानी से पचने वाली एक या दो चीजें जैसे - बिस्किट, मूँगफली, टिकिया, फल इत्यादि होनी चाहिए।

भोजन की दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के निर्माण में पूरे दिन को इकाई मानकर दिनभर के भोज्य पदार्थों में पौष्टिक पदार्थों में दोहराव नहीं होना चाहिए।

इसी प्रकार दैनिक प्रस्तावित मात्राओं का निर्माण करते समय सात बेसिक भोज्य समूहों का ध्यान अवश्य ही रखना चाहिए। दिन में कम से कम एक बार रेशेयुक्त भोज्य पदार्थ अवश्य ही लेने चाहिए। हरी पत्तीदार सब्जियों, सलाद, साबुत दाल, दलिया आदि भी हो सकते हैं।

कच्ची सब्जियाँ तथा फलों से रेशेयुक्त भोज्य पदार्थों की पूर्ति होती है जोकि पेट की सफाई के लिये आवश्यक है। कच्चे फल तथा सब्जियों में कई पौष्टिक तत्व विटामिन 'बी' विभक्त पाक क्रियाओं द्वारा नष्ट होने से बच जाते हैं।

दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के निर्माण में प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। शारीरिक क्रिया जैसे - गर्भावस्था, दुग्धस्राव के कारण भी प्रोटीन की आवश्यकता बढ़ जाती है। यदि समुचित मात्रा में आहारीय प्रोटीन का उपयोग न हो पाये तो प्रोटीन की अधिक मात्रा आहार के रूप में लेनी चाहिए।

राइबोफ्लेविन की आवश्यकता भी कैलोरी की आवश्यकताआ से जुड़ी होती है। ICMR पोषण विशेषज्ञ दल ने विटामिन B2 जो दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताई है वह निम्न है-

शिशु (जन्म से 12 महीने) ---------- 0.2mg/दिन

       बालक व किशोर------------------------0.5 से 0.1mg/दिन

पुरुष व महिला------------------------1.0mg/दिन

गर्भवती व दुग्धस्रावी महिला--------1.5 mg/दिन

आर.डी.ए. के कार्य

आर.डी.ए. नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन के खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा एक साथ रखे गए दिशा-निर्देश हैं। आर.डी.ए. भोजन और दैनिक पूरक आहार से विटामिन और खनिजों पर लागू होता है। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य आपको यह बताना है कि आपके शरीर को दैनिक आधार पर कितने विशिष्ट पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। अपने दैनिक अनुशासित आहार भत्ते को पूरा करना महत्वपूर्ण है।

आर.डी.ए. के प्रमुख कार्य सर्वप्रथम समूहों के लिए आहार की योजना बनाना और भोजन की आपूर्ति प्रदान करना है। जैसे कि रक्षा विभाग R.D.A. का उपयोग करता है जो समायोजित किया जाता है। अपने मेनू को विकसित करने के लिए सैन्य कर्मियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए। आर.डी.ए. स्वस्थ लोगों के समूहों के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन मेहमान Ital आदि विशेषज्ञों ने बताया है कि मूल-योजना बनाने में इनका उपयोग करते हैं। अस्पताल के मेनू R.D.A. का एक अच्छा पोषण मानक है।

आर.डी.ए. का कार्य कई संघटित वित्त पोषित कार्यक्रम जो या तो भोजन प्रदान करते हैं और या तो भोजन के लिए वित्तीय सहायता R.D.A. को प्रदान करते हैं। इसके उदाहरण Tritional Standard या Guidelines स्कूल हैं।

R.D.A. को सभी सर्वेक्षणों के लिए कुछ हद तक संशोधित किया गया है। सर्वेक्षण डेटा का मूल्यांकन करने के लिए। उदाहरण के लिए 10. राज्य पोषण सर्वेक्षण कैलोरी के आहार मानक, प्रोटीन और आयरन आर.डी.ए. पर आधारित थे। हालांकि मानकों में कैल्शियम और विटामिन ए, सी के लिए उपयोग किया जाता है। जहाँ R.D.A. कम हनन करता है, क्योंकि इन पोषक तत्वों के लिए R.D.A. में सुरक्षा के बड़े मार्जिन हैं और इसलिए सर्वेक्षण के लक्ष्य अनुपयुक्त माना जाता था।

पोषण सम्बन्धी कमियों के जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान करना आर.डी.ए. का, ये भी प्रमुख कार्य हैं। आर.डी.ए. पेशेवर पोषण क्षेत्र में छात्रों की सहायता करते हैं। आर.डी.ए. औसत उपभोक्ता को पढ़ाने के लिए तकनीकी है। अक्सर उपभोक्ता शिक्षा के लिए बुनियादी खाद्य समूहों अनुवाद किया जाता है। आर.डी.ए. के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाला विकल्प, चार बुनियादी खाद्य समूह हैं- दूध, मांस, सब्जी, फल और रोटी और अनाज एक अवधारणा कृषि विभाग द्वारा विकसित है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

    अनुक्रम

  1. प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
  2. प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  6. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  7. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  8. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  9. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
  11. प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
  12. प्रश्न- भोजन क्या है?
  13. प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
  14. प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
  15. प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
  16. प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
  17. प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
  18. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
  19. प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
  20. प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
  21. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
  22. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
  23. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
  24. प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
  25. प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
  26. प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
  28. प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
  29. प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
  30. प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
  31. प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
  32. प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
  34. प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
  35. प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
  36. प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
  37. प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
  38. प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
  40. प्रश्न- विटामिन
  41. प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
  43. प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
  44. प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
  45. प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
  46. प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
  47. प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
  50. प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
  51. प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
  52. प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
  53. प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
  54. प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
  57. प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
  59. प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  60. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
  61. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  62. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  63. प्रश्न-
  64. प्रश्न-
  65. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  66. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  67. प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
  68. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  69. प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
  70. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
  74. प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
  76. प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  78. प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  79. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  81. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  82. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  83. प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  85. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
  86. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
  87. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  89. प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
  90. प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
  91. प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
  92. प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
  93. प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
  94. प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
  95. प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
  98. प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
  100. प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
  101. प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
  102. प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
  103. प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
  104. प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
  105. प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book